आसमान पर नज़र है, दिल आज बेखबर है !
नशे में ये शहर है या मौसम का असर है !
ये रंगीन तबियत, कुछ डोली सी नियत
और मस्त ये सफ़र है !
ये मस्ती में पंछी, ये लहराता माझी
ये झूमता शज़र है !
ये बादल की दस्तक, हवाओं की हिम्मत
मदहोश हर लहर है !
ये औंस की बूंदें, हर कली आँखें मूंदें
कि भंवरा किधर है !
लहराती लौ है, महकाती जौ है
वो मीठी मटर है !
वो दादी वो नानी वो लम्बी कहानी
अभी रात अभी सहर है !
वो प्यारी सी थपकी, वो छोटी सी झपकी
माँ की गोदी का घर है !
शायद ! मौसम का असर है !
प्रणय
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