छन-छन पायल धक-धक धड़कन

चंचल गोपी नृत्य निराला, कान्हा मन ललचाए
छन-छन पायल धक-धक धड़कन सब घुलमिल हो जाए

बजे बांसुरी शांत पवन में, सुन्दर मुख या माया
स्वच्छ लालिमा पूर्व दिशा में पीताम्बर है छाया
कदम्ब के पत्तों से जब छन-छन किरणे आये
छन-छन पायल धक-धक धड़कन सब घुलमिल हो जाए

राधा के नैनों सा रंग लिए तन-मन में
रास रचाए कन्हय्या, राधा मन आँगन में
हिरनी सी जो चले राधिका , नदिया सी लहराए
छन-छन पायल धक-धक धड़कन सब घुलमिल हो जाए

हरी चूड़ियाँ, शिखा है लम्बी, ह्रदय अटूट ये बंधन
राधा का कण-कण है अर्पित, कृष्ण भाल का चन्दन
श्याम मेघ जो देख-देख कर, मयूर मन मुस्काए
छन-छन पायल धक-धक धड़कन सब घुलमिल हो जाए
प्रणय

9 responses to “छन-छन पायल धक-धक धड़कन”

  1. Kuchh bhi kaho chha gaye guru…….

  2. bahut sundar rachna :) happy holi :)

    1. thanks mishthi ji & happy holi !

  3. बहुत ही बढ़िया

    आपको महिला दिवस और होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।

  4. —————————-
    कल 09/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    1. धन्यवाद यशवंत जी आपको भी होली की शुभकामनाएं !

  5. छन-छन पायल धक-धक धड़कन सब घुलमिल हो जाए :) ………… बहुत खूब !

    1. आभार मधुसांची जी !

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