चंचल गोपी नृत्य निराला, कान्हा मन ललचाए
छन-छन पायल धक-धक धड़कन सब घुलमिल हो जाए
बजे बांसुरी शांत पवन में, सुन्दर मुख या माया
स्वच्छ लालिमा पूर्व दिशा में पीताम्बर है छाया
कदम्ब के पत्तों से जब छन-छन किरणे आये
छन-छन पायल धक-धक धड़कन सब घुलमिल हो जाए
राधा के नैनों सा रंग लिए तन-मन में
रास रचाए कन्हय्या, राधा मन आँगन में
हिरनी सी जो चले राधिका , नदिया सी लहराए
छन-छन पायल धक-धक धड़कन सब घुलमिल हो जाए
हरी चूड़ियाँ, शिखा है लम्बी, ह्रदय अटूट ये बंधन
राधा का कण-कण है अर्पित, कृष्ण भाल का चन्दन
श्याम मेघ जो देख-देख कर, मयूर मन मुस्काए
छन-छन पायल धक-धक धड़कन सब घुलमिल हो जाए
प्रणय
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